सुख -दुख से भरा है ये जीवन -एक से दिन कभी न हैं रहते, सुख -दुख से भरा है ये जीवन -एक से दिन कभी न हैं रहते,
नाकामयाबी की अंतिम सीढ़ी पर छुपी कामयाबी को जरूर पाएगा नाकामयाबी की अंतिम सीढ़ी पर छुपी कामयाबी को जरूर पाएगा
मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है। मानवता महज उनमें बस रेंगती है, जिन्दगी भी ऐसों को बस ठेलती है।
निज भाषा को अपनायें निज संस्कृति के मोती पायें निज भाषा को अपनायें निज संस्कृति के मोती पायें
छू जाना तुम आसमान को बिना कभी भी हिम्मत हारे। छू जाना तुम आसमान को बिना कभी भी हिम्मत हारे।
मेरी भी नैया पार लगा दो, कितनों को तुमने पार किया। मेरी भी नैया पार लगा दो, कितनों को तुमने पार किया।